पाकिस्तान का भारत पर आक्रमण। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री द्वारा श्री गुरुजी को सर्वदलीय सम्मेलन में सहभागिता का निमंत्रण। सम्मेलन में श्री गुरुजी द्वारा सभी प्रकार से पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन।
युद्ध के 22 दिनों तक, दिल्ली में, यातायात नियंत्रण जैसे आवश्यक नागरी कार्यों में स्वयंसेवकों का सहभाग। स्वयंसेवकों द्वारा सभी आवश्यक स्थानों पर रक्तदान।
श्री. मधुकर दत्तात्रय - बालासाहब - देवरस संघ के सरकार्यवाह पद पर चुने गए।
नागपुर-विदर्भ का प्रांतिक शिबिर 5,000 स्वयंसेवकों का सहभाग।
बंगलोर में राष्ट्रोत्थान परिषद की स्थापना।