सफल होने के साथ-साथ व्यक्ति का जीवन उद्देश्यपूर्ण भी होना चाहिए

Rashtriya Swayamsevak Sangh hindi    04-Jun-2017
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि जीवन में सफल होने के साथ-साथ जीवन को उद्देश्यपूर्ण भी होना चाहिए. तभी मनुष्य को प्राप्त विद्या सार्थक होती है. ऐसे उत्कृष्ट कार्य को विद्या भारती पूरी मेहनत के साथ कर रही है. सरसंघचालक मोहन भागवत जी 23 मई को विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संबंधित समर्थ शिक्षा समिति द्वारा संचालित राव मेहर चंद सरस्वती विद्या मंदिर, भलस्वा के नए भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे.

सरसंघचालक जी ने कहा कि विद्याभारती ने अपने हाथ में एक कल्याणकारी, मंगलकारी कार्य लिया है. इसके माध्यम से विद्या भारती एक ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण करना चाहती है जो हिन्दुत्व निष्ठ और राष्ट्र प्रेम से ओत-प्रोत हो, अपनी वर्तमानकालीन समस्याओं से सामना करने में सफल होने के लिए सक्षम हो और अपने देश के अभावग्रस्त लोग, साधनहीन लोगों को शोषण और अन्याय से मुक्ति दिलाकर उनका उत्थान करने के लिए सेवारत हों.

उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल जीवनयापन करना नहीं है. शिक्षा प्राप्त करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिस समाज व जिस देश से हम हैं, उसे वापिस देने के लिए हम सक्षम बनें. शिक्षा को सार्थक बनाने के लिए इन भावों को जगाना जरूरी है. विद्या मनुष्य को शिक्षित बनाती है. वह बच्चों के मन में स्वाभिमान को बनाए रखने की क्षमता प्रदान करती है. विद्या केवल विद्यालय में जाकर नहीं सीखते हैं. इसमें अभिभावकों और परिवारों का भी बहुत बड़ा त्याग, तपस्या, और बलिदान सम्मिलित होता है.



विद्या भारती इन सब कार्यों को अच्छे ढंग से करने का प्रयास कर रहा है. विद्या भारती वास्तव में एक परिवार है, जिसमें अभिभावक, आचार्य और विद्यार्थी सभी शामिल हैं. जिस प्रकार की शिक्षा की हमें आवश्यकता है, वह विद्यार्थियों को मिल सके, इस हेतु विद्या भारती के लाखों कार्यकर्ता दिन-रात एक करके समर्पित होकर लगे हुए हैं.

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान से संबंधित नयी दिल्ली की समर्थ शिक्षा समिति द्वारा संचालित “राव मेहर चंद सरस्वती विद्या मंदिर, भलस्वा के नए भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा, विद्या भारती के अखिल भारतीय पदाधिकारी डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी जी, दिल्ली प्रांत के संघचालक कुलभूषण आहूजा जी, विद्यालय प्रबंधन के सदस्य एवं शिक्षक उपस्थित थे.