संगठित समाज बिना संभव नहीं समर्थ भारत – डॉ. मोहन भागवत जी

15 Feb 2020 18:31:00
 
पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि वैचारिक एवं सामाजिक नेतृत्व तैयार करने के लिए सभी अपने संगठनों में अनुशासित, धैर्यवान, सक्षम एवं स्वावलंबी कार्यकर्ताओं को जोडें. अपने कार्यों का विस्तार ग्रामीण स्तर तक करें ताकि आने वाले समय में हम सामाजिक चुनौतियों एवं कुरीतियों का सामना करने में सक्षम और स्वावलंबी बन सकें. सभी संगठनों के कार्यकर्ता एक दूसरे के पूरक बनकर स्वयंसेवक भाव से अपने कार्यों का विस्तार एवं सगंठन का ढृढ़ीकरण करें. सरसंघचालक जी गुरुवार (06 फरवरी) को शारदा विहार परिसर में दो दिवसीय क्षेत्र समन्वय के समापन अवसर पर संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि जागृत समाज के माध्यम से संगठित समाज खड़ा कर सामर्थ्य संपन्न भारत को खड़ा करना हम सब का उद्देश्य है. नैतिक शिक्षा को समाज में चर्चा का विषय बनाकर इस कार्य को हमें निचले स्तर तक के कार्यकर्ता को उत्कृष्ट तरीके से समझाना होगा. उन्होंने कहा कि हमारे कार्य के प्रति समाज में विश्वास एवं स्वीकार्यता बढ़ी है. आज भारतीय समाज संघ के उद्देश्यों को समझ रहा है और आगे होकर सहयोग करना चाहता है. इस समय सामाजिक सद्भाव के माध्यम से हम अपने विचारों एवं कार्यों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचाएं ताकि एक आदर्श भारतीय समाज का निर्माण हो सके.
दो दिवसीय समन्वय बैठक में विविध संगठनों के मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रमुख कार्यकर्ता शामिल हुए. संगठनों ने अपने वृत्त प्रस्तुत किये एवं राष्ट्रहित के विभिन्न विषयों पर आयोजित किये जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी दी. बैठक में अगले वर्ष की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई.
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