समन्वय बैठक में जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर होगी चर्चा

04 Sep 2025 15:32:46

samnvay baithak
 
जोधपुर, 04 सितम्बर।
 
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर जी ने आज प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से चलने वाले विभिन्न संगठनों की अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5 से 7 सितम्बर 2025 को जोधपुर के लालसागर में आयोजित होगी। बैठक में संघ प्रेरित 32 संगठनों के पदाधिकारी तथा महिला कार्यों का समन्वय देखने वाली कार्यकर्ता शामिल होंगी। कुल मिलाकर 320 कार्यकर्ता, बैठक में भाग लेंगे। बैठक में परम पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी का मार्गदर्शन प्राप्त होगा, साथ ही सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी और सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी, सीआर मुकुंद जी, अरुण कुमार जी, रामदत्त चक्रधर जी, अतुल लिमये जी, आलोक कुमार जी सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
 
बैठक में विभिन्न संगठनों का वार्षिक कार्यवृत्त प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें वर्षभर के अनुभव और उपलब्धियों का विवरण शामिल रहेगा। इनमें एबीवीपी, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, विद्या भारती और सक्षम (दिव्यांगजनों हेतु कार्यरत) जैसे संगठन विशेष रूप से शामिल होंगे। देश के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर पंजाब, बंगाल, असम और पूर्वोत्तर के जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर भी चर्चा होगी। इसके साथ ही पंच परिवर्तन – सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवन, स्व आधारित रचना और नागरिक कर्तव्य पालन – जैसे विषयों पर भी विमर्श किया जाएगा।
 
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा तथा शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा देने पर विचार होगा। जनजातीय समाज में हो रहे सकारात्मक बदलावों और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयासों की भी समीक्षा की जाएगी। साथ ही आगामी शताब्दी वर्ष (2025-26) के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर चर्चा होगी। 02 अक्तूबर 2025, विजयादशमी के दिन नागपुर से प्रारंभ होकर मंडल, ग्राम और बस्ती स्तर तक स्वयंसेवकों द्वारा गणवेश में उत्सव मनाया जाएगा। शताब्दी वर्ष में देशभर में हिन्दू सम्मेलन, गृह सम्पर्क, सद्भाव बैठकों, प्रमुख नागरिक गोष्ठियों और युवा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
 
यह बैठक किसी निर्णय के लिए नहीं होती, बल्कि संगठनों के बीच चर्चा, अनुभवों के आदान-प्रदान और बेहतर समन्वय का माध्यम होती है। यहां प्राप्त विचार और प्रेरणा के आधार पर प्रत्येक संगठन अपने स्तर पर निर्णय लेकर आगे के कार्यों को दिशा देगा। हाल ही में दिल्ली में सम्पन्न सरसंघचालक जी के कार्यक्रम की पृष्ठभूमि में, समाज के सभी वर्गों तक संघ के विचार पहुँचाने के प्रयासों को और गति देने का यह एक महत्त्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है।
 
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